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✡ Happy birthday to Guruji ✡
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गुरु महाराज जी की जयंती
सद्गुरु प्रेमियों ! सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज का जन्म दिवस वैशाख शुक्लच चतुर्दशी को होता है। उसके दूसरे दिन वैशाख पूर्णिमा होता है । वैशाख पूर्णिमा को भगवान बुद्ध का जन्मदिवस होता है।
सद्गुरु महर्षि मेंहीं के अनमोल वचन
"अगर तुम हमारी बात नहीं मानोगे, तो मैं कोई सजा नहीं दे सकता; लेकिन तुम ईश्वरीय सजा से नहीं बचोगे।"
(इस वचन के पहले सदाचार पालन करने का चर्चा किया गया है। जिसमें झूठ, चोरी, नशा, हिंसा और व्यभिचार नहीं करने की हिदायत दी गई है।)--सद्गुरु महर्षि मेंही प्रवचन से।
सद्गुरु महर्षि मेंहीं दिव्य रूप में |
सद्गुरु महर्षि मेंही जयंती
प्रभु प्रेमियों ! सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के जन्म दिवस वैशाख शुक्ल चतुर्दशी को जिस दिन भी पड़ता है। उस दिन प्रत्येक साल सभी गुरु-प्रेमी सत्संगी प्रातः काल उठकर पवित्र नदी में स्नान करने योग्य स्थान पर गुरु मंत्र का स्मरण करते हुए स्नान करते हैं और स्वच्छ कपड़े पहन कर अपने अपने नजदीकी आश्रमों में अथवा महर्षि मेंही आश्रम कुप्पाघाट आकर गुरु निवास अथवा मंदिरों में सुबह प्रणाम करते हैं और प्रातः कालीन सत्संग में भाग लेते हैं जिसमें निम्न प्रकार से स्तुति-प्रार्थना, ग्रंथ-पाठ और आरती होती है।
प्रातः कालीन सत्संग समाप्ति के बाद प्रत्येक सत्संगी अपनी श्रद्धा भक्ति स्वरूप पुष्पमाला,प्रसाद,फूल-फल,कपड़े इत्यादि जो भी उनकी श्रद्धा भक्ति सामर्थ के अनुसार होती है। उसे अपने हाथ से लाइन में लगकर गुरु महाराज के मंदिरों में सिंहासन के पास या गुरु निवास में गुरु महाराज के चरणों में समर्पित करते हैं और आशीर्वाद ग्रहण करते हैं।
आचार्य ऑफ संतमत |
गुरुदेव का आशीर्वचन
"मैं संतमत को समझते-समझते समझ गया कि इससे उत्तम और कुछ भी नहीं है। ऋषि-मुनि के विचारों के अनुकूल, संतो के ज्ञान के अनुकूल, यह बात है। मैं इस विचार में इतना दृढ़ हुं कि मुझे कोई डुला नहीं सकता? जो मेरे द्वार रचित पुस्तकें पढ़ेंगे। तो वह भी दृढ़ होंगे। ऐसा मेरा विचार है।" -सद्गुरु महर्षि मेंहीं (ता.12-01-1977ई.)सुखासन में सद्गुरु महर्षि मेंहींज्ञ |
अपराहन कालीन सत्संग
अपराहन कालीन सत्संग दिन के म 2:00 बजे से ही प्रारंभ हो जाता है, जिसमें भजन-कीर्तन, स्तुति-प्रार्थना, ग्रंथ-पाठ, प्रवचन और आरती के कार्यक्रम होते हैं। प्रवचन में प्रवचन-कर्ता संत महापुरुषों गुरु महाराज के चरित्र एवं उनके उपदेशों के बारे में श्रोताओं को बताते हैं।फूलों से सजे सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज |
गुरु महाराज की आवाज में सुनें
निम्नलिखित वीडियो में सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के स्वर में अपराहन कालीन स्तुति का पाठ किया गया है।पूज्यनीय संत सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के दर्शन और सत्संग अंश।
श्री सदगुरु महाराज जी आपके संसार में
सुख की बरसात करें,
और दुखों का नाश करें।
प्रेम की फुलझड़ी से
आपका घर आंगन रौशन हो
आपको गुरु पूजन पर्व की
हार्दिक शुभकामनाएं!
गुरु गद्दी पर विराजमान सदगुरु महर्षि मेंही |
गुरु महाराज का आशीर्वाद और साहित्य
मैंने अपनी भलाई के लिए जो सोची है, वही
भलाई आप लोगों के लिए भी चाहता हूं। मैंने बहुत वर्षों तक सोचा, तो यह दृढ़ हो गया कि संतों के ज्ञान में जो मंगल है वही असली मंगल है।
अन्य महत्वपूर्ण उपदेश और आरती
1. कोई काम करने से चार लाभ होते हैं-- समय कटता है, आनंद आता है, धन प्राप्त होता है और परिवार तथा समाज में प्रतिष्ठा मिलती है ।
2. जो कोई काम नहीं करता है, उससे उसके माता-पिता, पत्नी, पुत्र और समाज के लोग भी प्रसन्न नहीं रहते।
3. जो दूसरे की कमाई खाता है, उसका मन गिरा हुआ रहता है, उसका आत्मबल ऊँचा नहीं हो पाता है।
4. वही व्यक्ति सफल माना जा सकता है, जो अपना भी जीवन-निर्वाह करता है और अपने सगे-संबंधियों का भी।
5. जो केवल अपना पेट पालता है, वह प्रतशंसनीय नहीं है।वह पशु-पक्षी श्रेणी का है। एक कौवा भी अपनी चोंच से अपना पेट पाल लेता है, इसी तरह कोई पशु भी अपना पेट पाल लेता है। पशु-पक्षी दूसरे का पेट नहीं पाल पाते।
6. जवानी में इतना धन कमा लेना चाहिए कि बुढ़ापे में आराम से जीवन बिताया जा सके।7. व्यक्ति को बैंक में कुछ रुपए जमा करते जाना चाहिए, ताकि विपत्ति की घड़ी में वे रुपये काम आ सकें
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