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✡ Happy Republic Day ✡
✡ In ✡
✡ 💓 Advance 💓 ✡

भारतीय गणतंत्र दिवस
गणतन्त्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। इसी दिन सन् 1950 को भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था। एक स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए संविधान को 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे एक लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था।
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गणतंत्र दिवस और सद्गुरु महर्षि मेंहीं |
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं
देश के विभिन्न भागों में गणतंत्र दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण समारोह और सशस्त्र सेनाओं तथा स्कूली बच्चों द्वारा परेड के आयोजन किए जाते हैं। इन परेडों का सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण समारोह नई दिल्ली में राजपथ पर आयोजित किया जाता है, जिसमें देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया जाता है। हमारे प्रधानमंत्री देश के लोगों को संबोधित करते हैं और उन्हें शुभकामनाएं देते हैं। हर जगह के नेता लोग जहां-जहां झंडा फहराते हैं, वहां-वहां अपने क्षेत्र के लोगों को संबोधित करते हैं और शुभकामना संदेश देते हैं।
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गणतंत्र दिवस के विविध चित्र |
सद्गुरु महर्षि मेंही का मुक्ति -अभियान
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जगतगुरु कबीर साहिब जी महाराज की वाणी
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सद्गुरु महर्षि मेंहीं और भारतवर्ष। |
दरशन कीजै साधु का, दिन में कइ कइ बार |
आसोजा का मेह ज्यों, बहुत करे उपकार ||
दोस्त बखत नहिं करि सके, दिन में करू इकबार | कबीर साधु दरश ते, उतरैं भव जल पार || दूजे दिन नहीं करि सके, तीजे दिन करू जाय | कबीर साधु दरश ते, मोक्ष मुक्ति फल पाय ||
बार- बार नहिं करि सकै, पाख - पाख करि लेय | कहैं कबीर सों भक्त जन, जन्म सुफल करि लेय || मास - मास नहिं करि सकै, छठे मास अलबत | थामें ढ़ील न कीजिये, कहैं कबीर अविगत || बरस - बरस नहिं करि सकैं, ताको लगे दोष। कहैं कबीर वा जीव सों, कबहु न पावै मोष।। इन अटकाया न रुके, साधु दरश को जाय। कहैं कबीर सोई संतजन, मोक्ष मुक्ति फल पाय ।। इन्हीं वाणियों के आधार
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सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज का जयघोष। |
आधार रखते हुए संतमत-सत्संग की एक नियमावली तैयार की और उसके अनुसार अपने प्रत्येक प्रेमी भक्तों को सत्संग ध्यान करने का निर्देश दिया। जिसमें सुबह, अपराहन और सायंकालीन सत्संग के साथ-साथ दैनिक, त्रैदिवसीय, सप्ताहिक, मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक, वार्षिक और महाधिवेशन सत्संग के कार्यक्रम होते हैं। इस अभियान की पूर्णता स्वरूप हर वर्ष अखिल भारतीय संतमत सत्संग महासभा द्वारा आयोजित अखिल भारतीय संतमत सत्संग का महाधिवेशन का आयोजन किया जाता है। यह महाधिवेशन सभी गुरु भाइयों का समागम का एक निराला दृश्य होता है।
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महत्वपूर्ण एवं सार उपदेश गुरुदेव के। |
गणतंत्र दिवस और संतमत मुक्ति-दिवस
गणतंत्र दिवस (Republic Day) देश में हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है. 26 जनवरी 1950 को हमारे देश में संविधान लागू हुआ, जिसके उपलक्ष्य में हम 26 जनवरी (26th January) को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं. हमारा संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान माना जाता है।
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ध्यान अभ्यास के अनुभव युक्त वाणी |
अखिल भारतीय संतमत सत्संग महासभा द्वारा आयोजित 'अखिल भारतीय संतमत सत्संग महाधिवेशन: का आयोजन प्रत्येक वर्ष फरवरी-मार्च के महीने में किया जाता है; क्योंकि इस समय ठंड कम और गर्मी शुरू हो जाती है, किसानों को काम भी कम रहता है। जिससे लोगों को छुट्टी मिल जाती है। लोग इस सत्संग में सम्मिलित होकर अपने मुक्ति का रास्ता और गुरु ज्ञान का सिमरन करते हैं तथा संसार में रहने के तरीके को पुन: स्मरण करते हुए सबों से मिलते जुलते हैं।
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अपने ध्वज का सम्मान। |
आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे,शहीदों की कुरबानी बदनाम नहीं देंगे,बची हो जो एक बूंद भी गरम लहू की,तब तक भारत माता का आंचल नीलाम नहीं होने देंगे। भारत माता की जय।
इसी तरह सत्संग प्रेमियों के दिलो-दिमाग में वह जोश भर जाता है, जिसमें वे अपने गुरु की वाणी को याद करते हुए कहने लगते हैं- "आओ वीरो मर्द बनो अब, जेल तुम्हें तजना होगा। मन निग्रह के समर क्षेत्र में, सन्मुख थिर डटना होगा।..."
श्री सतगुरु महाराज की जय।
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सत्संग करने के फायदे। |
प्रभु प्रेमियों ! इसी तरह की जय जयकार करते हुए सभी सत्संगी लोग महाधिवेशन के सत्संग को पूरा करके अपने अपने घरों को एक नया जोश अपने साथ लिए हुए जाते हैं और पुनः अगले साल की तैयारियों में लग जाते हैं। इतनी जानकारी के साथ ही और जानकारी के लिए इस ब्लॉग को सब्सक्राइब कर ले या सदस्य बन जाए। अपने इष्ट-मित्रों को भी यह बात बता दें, जिससे वे भी गुरु ज्ञान का स्मरण करते हुए सभी काम करते हुए इस संसार सागर को तोड़ने की सभी उपायों को जान सके। इसी शुभकामना के साथ फिर मिलेंगे जय गुरु महाराज। हमारा दूसरा पोस्ट पढ़ना ना भूलें जिसमें आगामी सरस्वती पूजा समारोह की चर्चा की गई है। उसे पढ़ने के लिए यहां दबाएं।
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